तिरंगे को लेकर आरएसएस अतीत में लिखी गई इबारतों को कैसे मिटा सकेगा। इतिहास के पन्नों में तिरंगे को लेकर दर्ज उसका नजरिया भला कैसे मिटेगा। संघ ने 52 साल बाद तिरंगा लहराया और अब सोशल मीडिया पर अपनी डीपी भी बदल ली लेकिन अतीत उसका पीछा करता रहेगा।
आरएसएस ने आखिरकार 13 अगस्त को सोशल मीडिया पर अपनी डीपी से भगवा झंडा हटाकर तिरंगा लगा लिया। संघ इन आरोपों से घिरा रहा है कि उसने कभी भी तिरंगे का सम्मान नहीं किया। उसने 52 वर्षों तक तिरंगा नहीं फहराया।
दिल्ली हाई कोर्ट की जज प्रतिभा एम सिंह ने मनुस्मृति की तारीफ की तो यह ग्रंथ फिर से चर्चा में है। इसी के साथ इस ग्रंथ में लिखी महिला विरोधी बातों पर भी बहस हो रही है। तमाम महिला संगठनों ने इसी आधार पर जज के बयान का विरोध किया है। आइए जानते हैं कि इस ग्रंथ में क्या सचमुच महिला विरोधी बातें लिखी हैं?
पीएम मोदी की घर घर तिरंगा अपील पर देश में नेशनल फ्लैग खरीदने की बाढ़ आ गई है। बीजेपी दफ्तर में तिरंगा झंडा 20 रुपये में बेचा जा रहा है लेकिन इसी तिरंगे के एवज में रेलवे कर्मचारी के वेतन से सरकार 38 रुपये काटने जा रही है। तिरंगे पर हो रही इस राजनीति को नजदीक से जानिए।
प्रधानमंत्री मोदी के 'हर घर तिरंगा' अभियान के बाद विपक्ष ने आरएसएस और इसके पदाधिकारियों को क्यों निशाने पर लिया है? जानिए अब तिरंगा के प्रति संघ का रुख कितना बदला है।
प्रधानमंत्री मोदी के 'हर घर तिरंगा' अभियान से सोशल मीडिया पर आरएसएस और इसके पदाधिकारी क्यों निशाने पर आ गए हैं? जानिए लोग प्रधानमंत्री को तिरंगा लगवाने की चुनौती क्यों दे रहे हैं।
राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी एनआईए ने जहां पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के खिलाफ अपनी जांच तेज कर दी है, वहां बीबीसी को दिए गए एक इंटरव्यू में पीएफआई के महासचिव अनीस अहमद ने बहुत सारी बातें साफ की हैं। जिससे पीएफआई की सोच का पता चलता है। पीएफआई महासचिव ने क्या-क्या कहा, पढ़िए।
केरल में बमों और गोलियों की बौछार के बीच आरएसएस वहां अपने कदम मजबूती से जमाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रहा है। 12 जुलाई को उसके दफ्तर पर बम फेंके जाने की घटना को उसने बहुत ज्यादा महत्व नहीं दिया।
बीजेपी के संगठन महासचिव बी एल संतोष का बीजेपी शासित राज्यों में सरकार चलाने के तंत्र में कितना हस्तक्षेप रहता है, वो उत्तराखंड की एक घटना से पता चलता है। कई बार तमाम बातें ट्वीट के जरिए भी बाहर आ जाती हैं।
आरएसएस गुजरात में पहली क्लास से संस्कृत भाषा को अनिवार्य बनाने की कोशिश कर रहा है। हरियाणा में उसकी ऐसी कोशिश कामयाब है, हालांकि ये अलग बात है कि तमाम छात्र-छात्राओं और उनके माता-पिता की पहली पसंद संस्कृत आज भी नहीं है।
नूपुर शर्मा विवाद से पहले मोहन भागवत ने हर मस्जिद ने शिवलिंग तलाशने की प्रवृति का विरोध किया थाI फिर नूपुर शर्मा विवाद के बाद भाजपा ने अपने प्रवक्ताओं को संयम बरतने को कहाI राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय दबाव में संघ परिवार की चुनौती क्या बढ़ गई है? क्या संघ में बदलाव की उम्मीद है? आज की जनादेश चर्चा .