ममता बनर्जी ने जैसे ही खुद को ‘शांडिल्य’ गोत्र का बताते हुए अपना असली गोत्र मां, माटी, मानुष बताया, चुनावी फिजां की तपिश अचानक तेज हो गयी। गोत्र, जाति, धर्म की राजनीति करने वाले बेचैन हैं कि ममता बनर्जी क्या उनकी राह पकड़ रही हैं?
पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव 2021 के ऐन वक़्त पर 75 साल पहले यानी 1946 में हुए हिन्दू-मुसलिम दंगों को याद करने और उन्हें भुनाने की कोशिशें की जा रही हैं।
पश्चिम बंगाल की मु्ख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सार्वजनिक रूप से अपना गोत्र शांडिल्य बताया है। हालांकि उन्होंने इसे वोट से नहीं जोड़ा है, पर उनका मक़सद साफ है, वह यह बताना चाहती हैं कि वह हिन्दू हैं, ब्राह्मण हैं और उसमें भी उच्च गोत्र की कन्या हैं।
पूरे मुल्क की नज़र इस इलाके पर है। देश के बाहर भी इस उपेक्षित नन्दीग्राम की खूब चर्चा हो रही है। देश के प्रधानमंत्री के लिए भी यह इलाका प्रतिष्ठा का विषय बन गया है। असहाय, वंचित लोग आसमान की ओर निहार रहे हैं। अभावग्रस्त लोग अवाक हैं।
विधानसभा चुनावों के दूसरे चरण के तहत पश्चिम बंगाल की 30 और असम की 39 सीटों के मतदान के लिए प्रचार कार्य मंगलवार की शाम ख़त्म हो गया। इन सीटों पर मतदान गुरुवार को होगा।
मुसलमानों को आरक्षण, मदरसे खोलने के फ़ैसले और मुसलिमों के विकास के लिए अब तक सबसे ज़्यादा पैसा देने के राज्य सरकार के फ़ैसलों पर मुहर लगाने वाले शुभेंदु अधिकारी अब कहते फिर रहे हैं कि तृणमूल कांग्रेस जीत गई तो नंदीग्राम 'मिनी पाकिस्तान' बन जाएगा।
बंगाल में तृणमूल कांग्रेस और बीजेपी में से किसका पलड़ा भारी है? तृणमूल कांग्रेस के लिए काम कर रहे चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर क्या मानते हैं? वह बीजेपी की रणनीति को कैसे देखते हैं और वह कैसा प्रदर्शन कर पाएगी?
बीजेपी ने कथित तौर पर तृणमूल प्रमुख ममता बनर्जी का ऑडियो जारी किया और फिर जवाब में तृणमूल की तरफ़ से कथित तौर पर बीजेपी नेताओं के बीच बातचीत का ऑडियो टेप जारी किया गया।
छिटपुट हिंसा, आरोप-प्रत्यारोप, इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन में गड़बड़ी के आरोपों और घात-प्रतिघात के बीच शनिवार को पश्चिम बंगाल में भारी मतदान हुआ। पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव 2021 के आठ चरणों में फैले चुनाव के पहले चरण में 30 सीटों के लिए मतदान हुआ।
बीजेपी और तृणमूल कांग्रेस के बीच चल रही चुनावी लड़ाई ने पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव को एक चुनावी जंग में तब्दील कर दिया है। तृणमूल कांग्रेस और बीजेपी में से किसका पलड़ा भारी?
आठ चरणों में बँटे पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव 2021 के पहले चरण के लिए प्रचार कार्य गुरुवार की शाम खत्म हो गया। यह सवाल उठना स्वाभाविक है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह के बल पर इन चरण की 30 सीटों में से कितने पर बीजेपी क़ब्ज़ा कर पाएगी।
ममता बनर्जी को बरमूडा पहनने की सलाह देना पश्चिम बंगाल बीजेपी अध्यक्ष दिलीप घोष को बहुत ही महँगा पड़ रहा है। तृणमूल कांग्रेस ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया जताई है और उन्हें 'विकृत मानसिकता वाला बंदर' तक कह दिया है।