प्रधानमंत्री मोदी की यूरोपीय देश फ्रांस की यात्रा के दौरान ही इसी देश के स्ट्रासबर्ग स्थित यूरोपीय संसद ने मणिपुर हिंसा को लेकर प्रस्ताव पारित क्यों किया? ऐसा करने से भारत रोकने में सफल क्यों नहीं रहा?
आज जनसत्ता के प्रधान संपादक रहे प्रभाष जोशी का जन्म दिन है। वे कट्टरपंथी ताकतों से जीवन भर लड़ते रहे। उन्होंने 'राम की अग्नि परीक्षा' शीर्षक से यह लेख 7 दिसंबर, 1992 को लिखा था जो राजकमल प्रकाशन से प्रकाशित उनकी किताब 'हिंदू होने का धर्म' में संग्रहीत है। संघ परिवार को समझने के लिए इसे पढ़ना चाहिए .और इसे पढ़ाना भी चाहिए।
मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में आठवे ंचीते की भी मौत हो गई है। पीएम मोदी के जन्म दिन पर इन चीतों को कूनो में छोड़ा गया था। प्रधानमंत्री खुद आए थे और बड़ा इवेंट हुआ था। चीतों की मौत पर राकेश अचल की टिप्पणीः
एनसीपी टूट गई है तो अब कांग्रेस को उसके साथ किस तरह का रिश्ता रखना चाहिए? जिस एनसीपी ने कांग्रेस को महाराष्ट्र में ख़त्म करने में कोई कसर नहीं छोड़ी, क्या उसको अब भी साथ रहना चाहिए?
तरक्की के बड़े-बड़े दावों के बीच आज दो तस्वीरें दिखीं। एक तरफ तो श्रीकरिकोटा से अंतरिक्ष यान चांद के लिए उड़ा तो दूसरी ओर यमुना के पानी में डूबी हुई दिल्ली। क्या इसे सही विकास कहेंगे?
विपक्षी एकता की बैठक होते ही यह सवाल बार-बार क्यों पूछा जा रहा है कि 2024 में पीएम पद का उनका उम्मीदवार कौन है? क्या पूछने वाले मान कर चल रहे हैं कि पीएम मोदी की वापसी नहीं होगी? जानें क्या है बीजेपी की योजना।
टमाटर इतना महंगा क्यों है? क्या सरकार इस पर नियंत्रण के प्रयास कर रही है और वह कामयाब नहीं हो पा रही है? क्या टमाटर ही महंगे हैं या फिर बाक़ी सब्जियाँ और दूसरी चीजें भी?
राहुल गांधी की धान रोपने की तस्वीरें सोशल मीडिया पर क्यों वायरल है और लोग इस पर टिप्पणियाँ क्यों कर रहे हैं? क्या राहुल गांधी की छवि बदली है या लोगों का उनके प्रति नज़रिया बदला है?
कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर गुजरात हाईकोर्ट के फैसले की तरह तरह से व्याख्या की जा रही है। कांग्रेस समेत बहुत लोगों ने इसे 2024 में राहुल का रास्ता रोकने की कार्यवाही बताया है। पत्रकार पंकज श्रीवास्तव भी इस पर अपनी राय रख रहे हैं, पढ़िए क्या कहना चाहते हैंः
मणिपुर जातीय हिंसा में जल रहा है तो महाराष्ट्र में राजनीतिक आग लगी हुई है। आखिर ये आग किसकी लगाई हुई है, किसी को देश की भी चिन्ता है। राकेश अचल की टिप्पणीः
मध्य प्रदेश के सीधी में आदिवासी युवक पर पेशाब करने की घटना छोटी नहीं है। राकेश अचल की टिप्पणी है कि बेशक पीएम मोदी और सीएम शिवराज आदिवासियों के साथ भोजन कर लें, उन्हें गले लगा लें, लेकिन सामंती मानसिकता कहां बदलती है। यह घटना उसी का नतीजा है।
दुनिया के सबसे बड़े सम्मान नोबेल शांति पुरस्कार से पुरस्कृत और अमेरिका जैसे ताकतवर मुल्क के राष्ट्रपति रहे बराक ओबामा को बारह हज़ार किलोमीटर की दूरी पर बैठकर भारत के हिंदू-मुसलिम मामले में पड़ने से बचना चाहिए।