वाराणसी में सर्व सेवा संघ और गांधी अध्ययन संस्थान को लेकर आख़िर क्या विवाद है? इसकी ज़मीन पर क़ब्ज़ा करने की कोशिश कौन कर रहा है? जानिए, इसे बचाने का तरीका क्या हो सकता है।
क्या कोई भी सीमा इंसान से बड़ी है? क्या दुनिया के मुल्कों की सरहद क्या लोगों को मिलने से रोक पाएगी? क्या इन्हीं वजहों से जब तब दुनिया भर में कई देशाओं की सीमाएँ नहीं बदलनी पड़ जाती हैं?
मणिपुर में क़रीब तीन महीने से जारी हिंसा के बाद अब विपक्षी I.N.D.I.A. के सांसदों के दल के दौरे से क्या असर होगा? क्या ऐसा क़दम पहले उठाया जाता तो और बेहतर नहीं होता?
यदि अंग्रेज़ों के समय अंडरटेकिंग देने का ऐसा कोई क़ानून होता तो क्या गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर जालियांवाला बाग के बाद ‘सर’ की उपाधि लौटा पाते? और क्या वह ऐसा अवार्ड ले भी पाते?
मणिपुर उस आग में जल रहा है जिसकी चेतावनी डॉ. भीमराव आंबेडकर ने आज़ादी के समय ही दे दी थी। जानिए, उन्होंने क्यों कहा था कि यदि पार्टियाँ धर्म को देश से ऊपर रखेंगी तो हमारी आज़ादी दूसरी बार ख़तरे में पड़ जाएगी।
विपक्षी दल मणिपुर हिंसा पर संसद में चर्चा कराने और पीएम मोदी के बयान देने की मांग के लिए विरोध कर रहे हैं, लेकिन क्या सरकार ऐसा करेगी? जानिए, आख़िर दिक्कत कहाँ है।
मणिपुर में महज मैतेई समीकरण की वजह से भाजपा ने वहां के हालात को दांव पर लगा दिया है। पत्रकार पंकज श्रीवास्तव का कहना है कि शासक के लिए प्रजा-प्रजा में भेद नहीं हो सकता। पढ़िए पूरा लेखः
मणिपुर में महिलाओं को निर्वस्त्र घुमाने वाले वीडियो ने पूरे देश को झकझोर दिया है। आख़िर हर मामले में महिलाएँ निशाना क्यों बनाई जाती हैं? क्या बिलकीस बानो और मणिपुर मामले में कोई ख़ास फर्क है?
विपक्षी दलों की एकजुटता ने क्या बीजेपी के लिए बड़ी मुश्किल खड़ी कर दी है? जानिए, बेंगलुरु बैठक के बाद से बीजेपी और प्रधानमंत्री मोदी पर क्या असर हुआ है।
क्या विपक्षी एकजुटता वाले दलों और बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए के बीच गठबंधन में दलों की संख्या ज़्यादा करने की प्रतिस्पर्धा चल रही है? आख़िर इससे दोनों खेमों को लाभ क्या होगा?