केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड की रिपोर्ट पर चुनाव आयोग ने एमपी सरकार को निर्देश दिया है कि वह शक के घेरे में आए सभी तत्कालीन मंत्रियों और अफ़सरों के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज करे। कमलनाथ की मुश्किल बढ़ेगी।
Satya Hindi News Bulletin। सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन। कमलनाथ को राहत, सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को लगाई फटकार ।MP: मतदान से पहले बीजेपी-कांग्रेस कार्यकर्ताओं में झड़प, 9 घायल
मध्य प्रदेश में तीन दिन बाद उपचुनाव है, फिर भी बीजेपी कांग्रेस के विधायक क्यों तोड़ रही है? वह भी तब जब उपचुनाव में 28 में से सिर्फ़ एक सीट भी जीत जाने पर शिवराज सरकार सुरक्षित हो जाएगी। कांग्रेस की आस किससे?
कमलनाथ की टिप्पणी को बीजेपी ने बड़ा सियासी मुद्दा बना लिया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान समेत बीजेपी के आला नेताओं ने सोमवार को प्रदेश भर में मौन धरने दिये।
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखी है और कहा है कि कांग्रेस विधायकों को तोड़ने का खेल अभी भी चल रहा है।
कमलनाथ ने बहुमत साबित करने के बजाए इस्तीफ़ा दे दिया। अब बीजेपी की सरकार बनना तय है। लेकिन सवाल है कि मुख्यमंत्री कौन बनेगा? शिवराज सिंह के साथ ही नरेंद्र सिंह तोमर और नरोत्तम मिश्रा इसकी दौड़ में शामिल हैं? तो शिवराज के नाम पर सहमति क्यों नहीं? क्या उनका पत्ता काटा जाएगा? देखिए आशुतोष की बात में वरिष्ठ पत्रकार विजय त्रिवेदी के साथ चर्चा।
सुप्रीम कोर्ट के फ्लोर टेस्ट के आदेश और स्पीकर एनपी प्रजापति द्वारा कांग्रेस के 16 बाग़ी विधायकों के इस्तीफ़े मंजूर कर लिए जाने के बाद कमलनाथ सरकार के बच पाने की संभावनाएँ लगभग ख़त्म हो गई हैं। फ्लोर टेस्ट के लिए दो बजे का समय सुनिश्चित किया गया है।
मध्य प्रदेश में कांग्रेस के जिन 16 विधायकों से कमलनाथ सरकार ने उम्मीद बांध रखी थी, उन्होंने रविवार सुबह वीडियो बयान जारी करते हुए दो टूक कह दिया है कि उन्होंने ‘इस्तीफ़े स्वेच्छा से दिए हैं।’
मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार को गिराने और बचाने का ‘खेल’ तेज़ हो गया है। कांग्रेस और उसकी सरकार का समर्थन कर रहे दलों के लगभग 10 विधायकों को बीजेपी द्वारा गुड़गांव के एक होटल में बंधक बनाये जाने के आरोप लगे हैं। क्या होगा अब कमलनाथ सरकार का? बचेगी या जाएगी? देखिए वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार की चर्चा।
कमलनाथ के नज़दीकियों के यहाँ आईटी छापे मारे जाने के बाद अब राज्य सरकार ने शिवराज सरकार में हुए ई-टेंडर घोटाले पर कार्रवाई शुरू कर दी है। यह मामला शिवराज सरकार के बहुचर्चित तीन हजार करोड़ के ई-टेंडर घोटाले से जुड़ा है।