लोकसभा चुनाव के बाद से ही महाराष्ट्र में महायुति गठबंधन में खटपट के कयास लगाए जाते रहे, लेकिन अब अजित पवार ने मौन विरोध-प्रदर्शन की बात कही। जानिए, ऐसा क्यों।
लोकसभा चुनाव बाद क्या अजित पवार गुट पर ख़तरा मंडरा रहा है? चुनाव में ख़राब प्रदर्शन के बाद अजित गुट के विधायकों को लेकर कयास तो लगाए ही जा रहे हैं, क्या छगन भुजबल को लेकर भी एनसीपी में बेचैनी है?
जिस अजित पवार खेमे ने शरद पवार से बगावत कर पार्टी अलग कर ली थी, क्या अब उसी पर संकट मंडराने लगा है? जानिए, शरद पवार के खेमे के उनके पोते रोहित पवार ने क्या दावा किया।
महाराष्ट्र की राजनीति में इन दिनों इस बात की चर्चा काफी गर्म है कि पीएम नरेंद्र मोदी ने पिछले दिनों विपक्ष के प्रमुख चेहरे शरद पवार और उद्धव ठाकरे को एनडीए में आने की सलाह क्यों दे दी थी।
शुक्रवार को पीएम नरेंद्र मोदी ने महाराष्ट्र के नंदुरबार जिले में एक रैली को संबोधित करते हुए शरद पवार पर तंज कसा था। उन्होंने कहा था कि कांग्रेस के साथ विलय करने और चार दिनों में मर जाने से बेहतर है कि वह महाराष्ट्र में भाजपा के नेतृत्व वाले गठबंधन में गर्व के साथ शामिल हो जाए।
2024 के लोकसभा चुनाव के बाद की स्थिति को लेकर एनसीपी शरदचंद्र पवार पार्टी के सुप्रीमो शरद पवार ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि चुनाव के बाद कई क्षेत्रीय दल कांग्रेस के करीब आएंगे। इसमें से कुछ का तो कांग्रेस में विलय भी हो सकता है।
एनसीपी (शरद चंद्र पवार) की नेता सुप्रिया सुले ने रविवार को कहा है कि भाजपा शरद पवार को राजनैतिक रूप से खत्म करना चाहती है। इस उद्देश्य से ही बारामती लोकसभा सीट पर उनके खिलाफ उनकी भाभी सुनेत्रा पवार को मैदान में उतारने की साजिश रची है।
क्या अजित पवार खेमे को असली एनसीपी बताने का जो आधार चुनाव आयोग ने तय किया वह संवैधानिक रूप से सही नहीं था? जानिए, सुप्रीम कोर्ट ने आख़िर क्यों कहा कि वह फ़ैसला मतदाता का मजाक है।
चुनाव आयोग ने नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी शरदचंद्र पवार या एनसीपी शरदचंद्र पवार को नया चुनाव चिन्ह आवंटित कर दिया है। गुरुवार को मिले इस चुनाव चिन्ह्र में तुरहा बजाता हुआ आदमी दिख रहा है।