मोदी सरकार विश्व स्वास्थ्य संगठन के आँकड़ों को क्यों झुठलाने मे लगी है? क्या वह कोरोना से हुई दस गुना मौतों को छिपाना चाहती है? मौतों को छिपाने के पीछे उसका क्या मक़सद है? क्या वह अपनी नाकामियों पर परदा डालने के लिए ढिठाई दिखा रही है? उसके विरोध का विश्व बिरादरी पर कोई असर पड़ सकता है?
देश में कोरोना संकट को लेकर शुरू से ही आगाह करते रहे राहुल गांधी ने अब डब्ल्यूएचओ के मौत के आँकड़े आने के बाद प्रधानमंत्री पर हमला किया। जानिए, उन्होंने क्यों झूठ बोलने का आरोप लगाया।
भारत में कोरोना से हुई मौत के डब्ल्यूएचओ के ताज़ा आँकड़े को लेकर फिर से मोदी सरकार क्यों घिरती हुई लग रही है। जानिए, आख़िर क्यों मोदी सरकार पर सवाल उठ रहे हैं।
जब कोरोना महामारी अपने शिखर पर थी तब भारत में कोरोना से मारे गए लोगों के सरकारी आँकड़ों पर सवाल उठे थे। अब इस पर फिर से विवाद है। दुनिया भर में मौत के वास्तविक आँकड़े क्या भारत की वजह से जारी नहीं हो रहे?
दुनिया भर में कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ने के क्या मायने हैं? क्या एक नयी लहर आने वाली है? जानिए, डब्ल्यूएचओ ने क्या कहा है और भारत सरकार की क्या तैयारी है।
कोरोना संक्रमण के मामले जब अब कम होने लगे हैं तो विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी डब्ल्यूएचओ ने कोरोना को लेकर चेतावनी जारी क्यों की है? क्या ज़्यादा ख़तरनाक वैरिएंट आएगा?
डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि ओमिक्रॉन डेल्टा के मुकाबले कम घातक है लेकिन इसका यह मतलब बिल्कुल नहीं है कि इसे हल्का या कमजोर मान लिया जाए। यह कोरोना के पुराने वैरिएंट की तरह ही लोगों की जान ले रहा है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोरोना की जिस सुनामी की चेतावनी दी है क्या वह सुनामी आ गई है? अमेरिका, फ्रांस, ब्रिटेन जैसे देशों में रिकॉर्ड संक्रमण के मामले क्या यही संकेत देते हैं?
बीते 1 महीने में ओमिक्रॉन दुनिया भर के अधिकतर देशों में फैल चुका है और ठीक इसी वक्त ब्रिटेन, फ्रांस और अमेरिका में डेल्टा वैरिएंट की वजह से कोरोना के हजारों केस आ रहे हैं।
ओमिक्रॉन को लेकर जिस तरह से शुरुआत में कहा गया कि इसके हल्के लक्षण दिख रहे हैं उसको लेकर अब विश्व स्वास्थ्य संगठन की प्रमुख वैज्ञानिक ने चेताया है। जानिए, इसने क्या कहा।