राहुल गांधी के मामले में क्या कांग्रेस किसी दुविधा में है कि राहुल को जेल जाने दिया जाए या नहीं? क्या राहुल चुनावी राजनीति से दूर रहकर बचे रह सकते हैं?
महिलाओं को माहवारी के दिनों की छुट्टियाँ देने का प्रस्ताव पारित हो जाता है तो इसके क्या फायदे होंगे? क्या नुक़सान भी हो सकता है और महिलाओं को नौकरियों में भेदभाव भी सहना पड़ सकता है? तो उपाय क्या है?
विपक्षी दलों द्वारा उठाए गए मुद्दों या सवालों पर मुख्य धारा का मीडिया की रिपोर्टिंग क्या उसी तरह होती है जैसी बीजेपी के मुद्दों या सवालों की होती है? क्या मीडिया की भाषा में कुछ अंतर दिखता है?
मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी सही या गलत है, इसका फैसला बहुत देर से आएगा। लेकिन जिस तरह और जिस अंदाज में यह पूरा मामला सामने आया है, उससे भारतीय लोकतंत्र के सहज होने के संकेत नहीं हैं। सिर्फ विपक्ष को भ्रष्ट साबित कर या घोषित कर अपने गिरेबान में न झांकने का यह तानाशाही अंदाज बहुत गंभीर खतरे की तरफ इशारा है।
नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेला हालांकि खत्म हो गया लेकिन किताबों की दुनिया आपको किसी मेले तक सीमित नहीं रखती है। इसलिए किताबें खूब पढ़ने की आदत डालिए। सच तो यह है कि अच्छी किताबें पढ़ना आपके व्यक्तित्व में चमत्कारिक बदलाव कर सकती हैं। यह लेख पढ़िए और उसके बाद किताबें पढ़ना शुरू करिए।
पठान फिल्म क्या शाहरुख ख़ान की लोकप्रियता से सुपरहिट हुई? क्या फिल्म इतनी बेहतरीन है या फिर बहिष्कार के आह्वान से फिल्म ने 1000 करोड़ की कमाई कर ली? दरअसल, सचाई कुछ और है। जानें फिल्म कैसे सुपरहिट हुई।
सूर्य कुमार यादव इन दिनों क्रिकेट में तूफानी बैटिंग के लिए चर्चा में हैं, लेकिन सुर्खियों उनकी जाति को लेकर भी ख़ूब बन रही हैं। आख़िर ऐसा क्यों है कि उनकी जाति पर बहस हो रही है?
साहित्य के लिए 2022 कैसा रहा? सुर्खियों में साहित्यकार गीतांजलिश्री रहीं तो सलमान रुश्दी भी रहे। कोरोना काल के बाद साहित्य की दुनिया में फिर से क्या उस तरह की हलचल हुई जैसी कोरोना से पहले हुआ करती थी?
प्रसिद्ध कलाकार सैयद हैदर रज़ा को कैसे याद किया जाएगा? क्या आपको पता है कि एक छोटे से गाँव से आने वाले रज़ा ने अंतरराष्ट्रीय कला जगत में एक लंबी यात्रा की!
क्या हिंदी साहित्य में विडंबनाओं को समाहित किया गया है? हिंदी लेखकों में विडंबना का कितना बोध है? हिंदी साहित्य में इन विडंबनाओं का कैसा इस्तेमाल हुआ है?
स्टैंड-अप कॉमेडियन राजू श्रीवास्तव का आज निधन हो गया। आख़िर वह किस तरह से याद किए जाएँगे? राजू श्रीवास्तव की यूएसपी क्या थी? क्यों वे दूसरों से अलग थे?
भीष्म साहनी का 8 अगस्त को जन्मदिन था। इसी दिन 1915 में उनका जन्म आज के पाकिस्तान के रावलपिंडी में हुआ था। जानिए बतौर साहित्यकार वह किस रूप में याद किए जाते हैं…