भारत में हाल में राष्ट्रवाद पर इतना ज़ोर क्यों दिया जा रहा है? राष्ट्रवाद कितना अहम है और इसके नाम पर दुनिया भर में कैसे-कैसे घटनाक्रम घटे हैं? पढ़िए, राष्ट्रगान लिखने वाले रवींद्रनाथ टैगोर का क्या मानना था।
प्रियदर्शन लिखते हैं- जिस दो तरह के भारत की हम चर्चा कर रहे हैं, उनमें कई तरह के भारत हैं। लेकिन हर जगह यही नज़र आता है कि अमीर भारत पहले ग़रीब भारत की जेब काटता है और फिर उसके लिए खाना बांटता है।
मुक्तिबोध की जाति पर विवाद क्यों है? पूछने वाले को खलनायक साबित करने में कुछ लोग क्यों जुटे हैं? क्या ऐसा कभी होगा कि मुक्तिबोध की जाति का सवाल बिल्कुल अप्रासंगिक हो जाए?
अपराजिता शर्मा का 15 अक्टूबर को निधन हो गया। वह मिरांडा हाउस कॉलेज में हिंदी की एसोसिएट प्रोफेसर थीं। उनका बनाया हिमोजी एप बहुत चर्चित हुआ था। कुछ साल पहले हिमोजी एप लांच हुआ था। जानिए, उनके बारे में क्या लिखते हैं वरिष्ठ पत्रकार प्रियदर्शन।
निर्मल वर्मा के कालजयी उपन्यास 'एक चिथड़ा सुख' पर वरिष्ठ पत्रकार प्रियदर्शन ने एक बेहद सारगर्भित टिप्पणी 'कथादेश' के लिए लिखी थी। रेणु की 'परती परिकथा' को साथ में याद करते हुए। अर्थ और व्यर्थ के बीच जीवन का मर्म तलाशने की कोशिश।
भारत-पाकिस्तान के बीच हुए क्रिकेट मैच के बाद मोहम्मद शमी को उनकी धार्मिक पहचान को लेकर निशाना क्यों बनाया गया। हैरानी इस बात की है कि हुक़ूमत इस पर चुप है।
हम विभाजन विभीषिका दिवस क्यों मनाना चाहते हैं? ऐसा कोई दिन क्यों याद रखना चाहते हैं? 14 अगस्त की तारीख़ इसलिए त्रुटिपूर्ण है कि विभाजन की यह विभीषिका 14 अगस्त के बाद भी जारी रही थी।
अगर 'मुग़ल-ए-आज़म' में अकबर की भूमिका अदा कर रहे पृथ्वीराज कपूर की जलती हुई आँखों के मुक़ाबले सलीम बने दिलीप कुमार की कौंधती हुई निगाहें नहीं होतीं तो शायद फ़िल्म का जादू कुछ बुझ जाता।
नदियों में लाशें मिल रही हैं, लोग अस्पताल के बाहर फुटपाथ पर दम तोड़ रहे हैं, सड़कों पर ऑक्सीजन के लंगर लग रहे हैं, लेकिन सरकार को लोगों की नहीं, बस अपनी छवि की फ़िक्र है।