सुषमा स्वराज की बेटी बाँसुरी स्वराज को मैंने ‘नए भारत’ के बारे में हिंदी के बड़े-बड़े शब्दों को साइन कर्व के डिज़ाइन में बोलते देखा। वो युद्धोन्माद की भाषा में अपने लिए गर्व बटोरती पायी गईं। पर क्या वो असल में नए भारत के बारे में गंभीरता पूर्वक कुछ समझना जानना चाहती भी हैं? मेरे हिसाब से आज भारत जिन चुनौतियों का सामना कर रहा है उन पर बोलने और बताने वाले नेता मिलते ही नहीं। किसी और के शौर्य और किसी और की शहादत को अपने राजनैतिक फायदे के लिए इस्तेमाल करने वाले नेताओं की फौज जरूर तैयार हो चुकी है। ‘नया भारत’, जिसे आगे ले जाने का दारोमदार देश के युवाओं और बच्चों पर है, नेता लोग जरा उनकी स्थिति पर भी विचार कर लें, बाकि लोगों को भी करना चाहिए।