चुनाव कर्नाटक में हो रहे हैं। पीएम मोदी वहां जय बजरंग बली बोल रहे हैं लेकिन उसकी प्रतिक्रिया आरएसएस से जुड़ा संगठन बजरंग दल दूसरे राज्यों में दे रहा है। कई राज्यों में बजरंग दल ने जहां प्रदर्शन किए, वहीं मध्य प्रदेश में कांग्रेस के दफ्तर पर हमला कर दिया।
मध्य प्रदेश में आख़िर कांग्रेस क्यों आरोप लगा रही है कि सरकारी अफसर बीजेपी एजेंट की तरह पेश आ रहे हैं? क्या ब्यूरोक्रेसी का भाजपाकरण हो गया है और अब कलेक्टर का नाम क्यों आ रहा है?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा तारीफ किए जाने के बाद कांग्रेस द्वारा केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया पर राजनीतिक हमले क्यों किए जा रहे हैं?
मध्य प्रदेश में भारत जोड़ो यात्रा नवंबर में पहुंचेगी लेकिन उससे पहले तमाम कांग्रेसी विवादों में घिर गए हैं। इससे यात्रा की तैयारियों पर असर पड़ने की संभावना है।
मध्य प्रदेश में त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव के नतीजों की तस्वीर साफ हो गई है। बीजेपी पिछले चुनाव के मुकाबले बड़े नुकसान की स्थिति में रही है। चुनाव परिणामों में पिछड़ जाना बीजेपी के लिये ‘खतरे की घंटी’ करार दिया जा रहा है!
ये कैसा गांधी है? यह सवाल, मध्य प्रदेश के कांग्रेस विधायक वीर सिंह भूरिया को लेकर हो रहा है। क्षेत्र के लोग उन्हें गांधी मानते हैं, मगर गांधी जी के आचरण के ठीक उलट, विधायक जी को जूता निकालकर किसी कर्मचारी की पिटाई करने की जरूरत आखिर क्यों पड़ी?
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड की रिपोर्ट पर चुनाव आयोग ने एमपी सरकार को निर्देश दिया है कि वह शक के घेरे में आए सभी तत्कालीन मंत्रियों और अफ़सरों के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज करे। कमलनाथ की मुश्किल बढ़ेगी।
मध्य प्रदेश विधानसभा उपचुनाव में ‘लोकतंत्र बचाओ यात्रा’ निकालने वाले नामदेव दास त्यागी उर्फ कंप्यूटर बाबा के अवैध आश्रम और दूसरे अतिक्रमणों को तोड़ दिया गया है। इतना ही नहीं, विरोध जताने पर बाबा को गिरफ़्तार कर जेल भी भेज दिया गया है।
जिस तरह बीजेपी ‘फु़लफ़ॉर्म’ में है, उसमें यदि कमलनाथ ने बीजेपी के दो विधायकों को तोड़ लिया तो यह सामान्य बात नहीं है। कमलानाथ के इस ‘मास्टर स्ट्रोक’ के पीछे क्या रही रणनीति?