शिंदे सेना और बीजेपी की सरकार में एनसीपी के शामिल होने के बाद से शिंदे खेमे में नाराज़गी क्या अब और बढ़ेगी? जानें आख़िर एनसीपी ने बीजेपी के साथ सीटों को लेकर क्या समझौता किया है।
महाराष्ट्र के घटनाक्रम ने बता दिया है कि भाजपा तोड़फोड़ की राजनीति में न केवल सिद्धहस्त है बल्कि तोड़फोड़ की राजनीति ही उसका परमधर्म है। पढ़िए राकेश अचल की टिप्पणीः
महाराष्ट्र के वयोवृद्ध दिग्गज नेता, पूर्व सीएम शरद पवार ने भाजपा पर बहुत बड़ा आरोप लगाया है। पवार ने कहा कि महाराष्ट्र में भाजपा जहां-जहां कमजोर है, वहां वहां दंगे हो रहे हैं।
उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे के करीबी सहयोगी सूरज चव्हाण और संजय राउत के करीबी सहयोगी सुजीत पाटकर के सांताक्रूज स्थित आवास पर ईडी के छापे क्यों? जानें वजह।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने हाल ही में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिलकर आगामी लोकसभा चुनाव सा-साथ लड़ने का बयान दिया था। लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और है। जमीन पर शिंदे की शिवसेना और भाजपा में जबरदस्त रस्साकशी चल रही है।
महाराष्ट्र में पंकजा मुंडे और उनकी सांसद बहन प्रीतम मुंडे के बयानों ने बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व की नींद उड़ा दी है। उनके बयान से साफ है कि महाराष्ट्र बीजेपी में निकट भविष्य में उथल पुथल हो सकती है। आखिर इस स्थिति के लिए कौन जिम्मेदार है, मुंडे बहनें क्या चाहती हैं। जानिएः
महाराष्ट्र में क्या समय से पहले विधानसभा चुनाव होगा? आख़िर ऐसी रिपोर्टं क्यों आ रही हैं कि राज्य में बीजेपी इकाई समय से पहले चुनाव कराना चाहती है? आख़िर वजह क्या है?
महाराष्ट्र बीजेपी अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा कि राज्य की कुछ पार्टियों ने महाराष्ट्र की संस्कृति को देखते हुए बीजेपी से अपना उम्मीदवार इस चुनाव में खड़ा नहीं करने की अपील की थी जिसके बाद बीजेपी ने यह फैसला लिया है।
ग्राम पंचायत के चुनावों को इसलिए अहम माना जाता है क्योंकि इससे इस बात का पता चलता है कि राज्य के ग्रामीण मतदाताओं के बीच किस राजनीतिक दल की कितनी पकड़ है।
केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण 16 अगस्त को महाराष्ट्र के बारामती में जा रही हैं। बारामती एनसीपी प्रमुख शरद पवार का मजबूत गढ़ है। आखिर बीजेपी को अचानक अपने केंद्रीय मंत्री को वहां भेजने की जरूरत क्यों महसूस हुई। समझिए पूरी राजनीति को।
महाराष्ट्र में मंत्रिमंडल का विस्तार लंबे अर्से से रुके हुआ है। दो दिन पहले बहुत जोश दिखाकर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा था कि बहुत जल्द कैबिनेट बनेगी। लेकिन कहीं से कोई संकेत नहीं है। आखिर मंत्रिमंडल विस्तार क्यों रुका हुआ है।