अफ़ग़ानिस्तान पर भारत की विदेश नीति क्या है? शांघाई सहयोग संगठन की शिखर बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अफ़ग़ानिस्तान में सर्वसमावेशी सरकार और आतंक-मुक्ति की बात पर जोर दिया। लेकिन इसमें नया क्या है?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संघाई सहयोग संगठन के सम्मेलन में कहा कि अफ़ग़ानिस्तान में तालिबान की कट्टरता चुनौतीपूर्ण है जिसे रोकने के लिए एससीओ को आगे आना चाहिए।
तालिबान ने जब अफ़ग़ानिस्तान पर कब्जा जमाया तो उसको समर्थन व मान्यता देने की सबसे पहले बात कहने वालों में से चीन भी एक था। अब तालिबान ने चीन से दोस्ती का इजहार कर तालिबान ने अपना असली चेहरा दिखा दिया है।
तालिबान ने इस बात का खंडन किया है कि मुल्ला अब्दुल ग़नी बरदार की हत्या कर दी गई है। मुल्ला हबीतुल्लाह अखुंदज़ादा के नाम से एक बयान जारी किया गया है। पर यह पता नहीं चल सका है कि वे कहाँ हैं।
चीन ने अफ़ग़ानिस्तान को तीन करोड़ डॉलर की मानवीय मदद का एलान कर दिया है, उसने इसके अलावा बड़े पैमाने पर वित्तीय निवेश और दूसरी आर्थिक गतिविधियों का भरोसा भी दिया है। इससे क्या होगा?
तालिबान का क्रूर चेहरा एक बार फिर सामने आ गया है। पूर्व उप राष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह के भाई रूहल्लाह अज़ीज़ी की हत्या किए जाने की खबर है। उनके परिजनों ने यह दावा किया है।
अफ़ग़ानिस्तान की तालिबान सरकार ने 2001 में बामियान में बनी 55 मीटर ऊँची बुद्ध प्रतिमा को ध्वस्त कर दिया। इसमें मौजूदा अफ़ग़ान प्रधानमंत्री अखुंद की क्या भूमिका थी?
अफ़ग़ानिस्तान की अंतरिम सरकार में कौन लोग हैं, उनका आतंकवादी संगठनों से क्या रिश्ता रहा है, वे अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी सूची में क्यों हैं, पढ़ें यह खबर।