प्रसिद्ध चिन्तक प्रताप भानु मेहता ने अपने हालिया लेख में इस बात पर चिन्ता जताई है कि धार्मिक जुलूसों की आड़ में देश किस तरफ बढ़ रहा है। लेकिन उन्होंने यह भी कहा है कि साम्प्रदायिकता पर लिखना अब फिजूल बात हो गई है। वो चिन्तित हैं कि विचाराधारत्मक हिंसा का मुकाबला करने कोई सामने नहीं आ रहा है।
क्या अदालत के जमानत की शर्त वाले आदेशों की धज्जियाँ उड़ाते हुए नफ़रती भाषण दिया जा रहा है और कथित 'नफरती' धर्म संसद का का आयोजन किया जा रहा है? यति नरसिंहानंद विवाद में फिर से क्यों?
संजय राउत ने शिवसेना के मुखपत्र 'सामना' में लेख में क्यों लिखा कि अयोध्या में राम मंदिर की लड़ाई से जो भाग निकले वो अब राम के नाम पर तलवारें निकाल रहे हैं? राउत ने किस पर आरोप लगाया कि चुनाव जीतने के लिए नफ़रत की राजनीति की जा रही है?
धार्मिक शोभायात्राओं में नफ़रती भाषा और मुसलिम विरोधी नारों पर तीखी प्रतिक्रिया हुई है। रवीश कुमार ने ऐसी ही एक शोभायात्रा में मुसलिमों के ख़िलाफ़ गालियाँ देने वालों के नाम ख़त लिखा है। पढ़िए उनके शब्दों में ही....
मध्य प्रदेश के खरगोन में आज रामनवमी जुलूस के दौरान कुछ उपद्रवियों ने पथराव किया, उसके बाद शहर में हिंसा भड़क उठी। शहर में हालात को काबू करने के लिए कर्फ्यू लगा दिया गया है। देश के कई राज्यों में पिछले एक हफ्ते के अंदर कई साम्प्रदायिक घटनाएं हो चुकी हैं।
अपने विवादास्पद बयानों के लिए बदनाम यति नरसिंहानंद ने हिन्दुओं को सलाह दी है कि वो ज्यादा बच्चे पैदा करें। नहीं तो एक दिन भारत में गैर हिन्दू प्रधानमंत्री बन जाएगा।
कर्नाटक में अब मुस्लिम फल विक्रेताओं के खिलाफ मुहिम शुरू की गई है। अभी तक हिजाब, हलाल और लाउडस्पीकर बैन का मुद्दा उठाने के बाद अब हिन्दू संगठनों ने इस मुद्दे को उठाया है।
असम से लेकर कर्नाटक और उत्तर प्रदेश तक मुसलमानों के खिलाफ नफरती अभियान क्यों चलाया जा रहा है? और इसके लिए हिंदुओं के धार्मिक अवसरों का इस्तेमाल क्यों हो रहा है?
देश की जानी-मानी महिला उद्योगपति किरण मजूमदार शॉ ने देश में मुस्लिमों के प्रति बढ़ती नफरत पर चिन्ता जताई है। इस पर बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने बौखलाकर कड़ी प्रतिक्रिया दे डाली है।
जिस राज्य में चुनाव होने वाला होता है उस राज्य में कट्टरपंथी अपना एजंडा लेकर आ जाते हैं .अन कर्नाटक की बारी है .वहां भाजपा के ही नेता ने इन कट्टरपंथी ताकतों को आड़े हाथों लिया है .आप भारत में अगर भेदभाव करेंगे तो दूसरे देशों में क्या इसकी प्रतिक्रिया नही होगी .आज की जनादेश चर्चा .